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परमानंद जी महाराज ने बताया मन्त्र जाप कैसे करें

मन्त्र जाप- Parmanand Maharaj  हिंदू धर्म में मंत्र जाप का बहुत महत्व है। शास्त्रों के मुताबिक, मंत्र का जाप करने से पहले और बाद में कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। साधकः- मन्त्र जाप कैसे करें? मन्त्र का अर्थ बतायें।   महाराजश्रीः - कोई भी मन्त्र हो लगातार उसे श्वास के साथ बोलें। मान लो नमः शिवाय। क्योंकि जो कोई मन्त्र लिया होता है, उस मन्त्र को बताने के लिए गुरु मना कर देते हैं। तो मान लो "नमः शिवाय"। कई बार मेरा श्वास लेते में नमः शिवाय, नमः शिवाय..... (अनन्तबार) हो गया। ऐसे ही श्वास निकालते में हो गया। और दूसरा होता है, दो भागों में, जैसे-राम-सीता, राधे-श्याम, सोऽहम्, जो दो भागों में बँटता है। आधा मन्त्र श्वास लेते में आधा मन्त्र श्वास निकालते में बोलते हैं। बोलते नहीं बल्कि केवल स्मरण करते हैं। जो जुबान या माला से करते हैं, वह जाप है, जो श्वास से करते हैं, वह अजपा है। केवल स्मरण, बोलना नहीं है। केवल शब्द का सुमिरन करना है। ऐसे ही लोग 'सोऽहम्' का अर्थ पूछते हैं। सोऽहम् का अर्थ समझना है। जब तक हम सोऽहम् का अजपा जाप करते हैं, तब तक यह योग साधना है। और जब स

धनतेरस पर किसी पूजा करते है? धनतेरस पूजन विधि?

धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा होती है। इस दिन सोना, चांदी, बर्तन, झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है साथ ही, नमक भी खरीदना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर खरीदारी करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है।
मान्यता है कि समुद्र मंथन के बाद सबसे अंत में अमृत की प्राप्ति हुई थी। कहा जाता है कि भगवान धन्वंतरि समुद्र से अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। जिस दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए वह कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि थी।
धनतेरस पर पूजा करने की विधि:
शाम के समय उत्तर दिशा की ओर कुबेर और धनवंतरी की स्थापना करें।
दोनों के सामने एक-एक मुख का घी का दीपक जलाएं।
भगवान कुबेर को सफ़ेद मिठाई और धनवंतरी को पीली मिठाई का भोग लगाएं।
पूजा के दौरान "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः" का जाप करें।
पूजा में सबसे पहले आचमन, फिर ध्यान, फिर जाप, इसके बाद आहुति होम और आखिर में आरती करने का विधान होता है।
पंचोपचार विधि से पूजा करने पर कुबेर देव प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। 
पूजा में कुबेर देव को चंदन, धूप, फूल, दीप, नैवेद्य और भोग आदि जरूर अर्पित करें। भारत सरकार ने धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का फ़ैसला किया है।
धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 
इस साल धनतेरस 10 नवंबर, शुक्रवार को है।
धनतेरस को धनत्रयोदशी भी कहा जाता है।
धनतेरस का शुभ मुहूर्त शाम 5:47 बजे से शाम 7:43 बजे तक रहेगा।
धनतेरस में क्या खरीदना चाहिए?
धनतेरस के दिन ये चीज़ें खरीदना शुभ माना जाता है: 
पान के पत्ते
धनिया
लक्ष्मी चरण
लक्ष्मी-गणेश प्रतिमा
झाड़ू
खील बताशे
गोमती चक्र
पीतल के बर्तन
सोना-चांदी के आभूषण
दीपक
कुबेर यंत्र
लक्ष्मी यंत्र
महालक्ष्मी यंत्र
नमक
धनतेरस के दिन इन चीज़ों को घर लाने से धन-दौलत में बरकत होती है और परिवार के सदस्यों को धन की तंगी का सामना नहीं करना पड़ता।
धनतेरस के दिन ये चीज़ें खरीदना अशुभ माना जाता है: 
-काले कपड़े
-लोहे का सामान
-प्लास्टिक की वस्तुएं
-शीशे का सामान
धनतेरस के शुभ मुहूर्त कब है?
साल 2023 में धनतेरस का शुभ मुहूर्त शाम 5:47 बजे से शाम 7:43 बजे तक है। इस अवधि में धनतेरस की पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है। पूजा मुहूर्त में आप घर में श्री, लक्ष्मी, गणेश, कुबेर आदि यंत्र की स्थापना भी कर सकते हैं।
धनतेरस के दिन पूजा प्रदोष काल में होती है, इसलिए धनतेरस 10 नवंबर को मनाई जाएगी। इस साल धनतेरस 10 नवंबर, शुक्रवार को है। धनतेरस की खरीदारी का शुभ मुहूर्त 10 नवंबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 11 नवंबर को 1 बजकर 57 मिनट तक रहेगा।

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