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Showing posts with the label प्रतिदिन किस मंत्र को पढ़ना चाहिए? | Subah Padhne Wale Mantra

सनातन धर्म में कुल कितने पुराण हैं?

सनातन धर्म के अनगिनत पुराणों का अनावरण पुराणों में समाहित गहन रहस्यों को उजागर करने की यात्रा पर निकलते हुए सनातन धर्म के समृद्ध ताने-बाने में आज हम सभी गोता लगाएंगे। प्राचीन ग्रंथों की इस खोज में, हम कालातीत ज्ञान और जटिल आख्यानों को खोजेंगे जो हिंदू पौराणिक कथाओं का सार हैं। पुराण ज्ञान के भंडार के रूप में कार्य करते हैं, जो सृष्टि, नैतिकता और ब्रह्मांड को नियंत्रित करने वाली ब्रह्मांडीय व्यवस्था के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। प्रत्येक पुराण किंवदंतियों, वंशावली और दार्शनिक शिक्षाओं का खजाना है जो लाखों लोगों की आध्यात्मिक मान्यताओं को आकार देना जारी रखते हैं। आइए हम कहानियों और प्रतीकात्मकता की भूलभुलैया से गुज़रते हुवे रूपक और रूपक की परतों को हटाकर उन अंतर्निहित सत्यों को उजागर करने का प्रयास करें जो सहस्राब्दियों से कायम हैं। हमारे साथ जुड़ें क्योंकि हम इन पवित्र ग्रंथों के पन्नों में मौजूद देवताओं, राक्षसों और नायकों के जटिल जाल को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं, जो मानव अस्तित्व का मार्गदर्शन करने वाले शाश्वत सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हैं। हिंदू धर्म में पुराणों का म...

रोज सुबह किस मंत्र को पढ़ना चाहिए ? | प्रतिदिन किस मंत्र को पढ़ना चाहिए? | Subah Padhne Wale Mantra

मंत्र जाप क्यों किया जाता है? |  मंत्र शक्ति का प्रभाव क्या है? पौराणिक काल से ही सनातन धर्म में मंत्रो और उनकी अद्भुत शक्ति को सर्वाधिक महत्व दिया गया है। प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि देव पूजा, देव यज्ञ और वैदिक अनुष्ठानों में संस्कृत में मंत्रों का उच्चारण करके देवताओं को संतुष्ट किया जा सकता है और पौराणिक काल में इसी विधि से देवताओं को संतुष्ट किया जाता रहा है।  मंत्रों के दिव्य शक्ति का रहस्य सनातन काल से ही चला रहा है। वैदिक काल से ही समस्त मंत्रों को संस्कृत भाषा में लिखा गया क्योंकि संस्कृत दैविय भाषा कहलाई जाती है अर्थात संस्कृत में समस्त मंत्रों का उच्चारण देवताओं को प्रसन्न करने का अति सरल साधन माना जाता रहा है।  अतः किसी भी देवता को प्रसन्न करने के लिए उनके लिए बनाए गए मंत्रों का सिद्ध संस्कृत उच्चारण सर्वोत्तम साधन माना जाता रहा है।  मंत्र शक्ति के प्रभाव के बारें में प्राचीन वेद और पुराणों में अनेको कथाये और प्रसंग प्रचलित है। मंत्र शक्ति के विषय में तो यहाँ तक कहा जाता है की यदि मंत्र सिद्ध हो जाये तो साधक के लिए संसार की कोई भी वास्तु दुर्लभ ...