सनातन धर्म के अनगिनत पुराणों का अनावरण पुराणों में समाहित गहन रहस्यों को उजागर करने की यात्रा पर निकलते हुए सनातन धर्म के समृद्ध ताने-बाने में आज हम सभी गोता लगाएंगे। प्राचीन ग्रंथों की इस खोज में, हम कालातीत ज्ञान और जटिल आख्यानों को खोजेंगे जो हिंदू पौराणिक कथाओं का सार हैं। पुराण ज्ञान के भंडार के रूप में कार्य करते हैं, जो सृष्टि, नैतिकता और ब्रह्मांड को नियंत्रित करने वाली ब्रह्मांडीय व्यवस्था के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। प्रत्येक पुराण किंवदंतियों, वंशावली और दार्शनिक शिक्षाओं का खजाना है जो लाखों लोगों की आध्यात्मिक मान्यताओं को आकार देना जारी रखते हैं। आइए हम कहानियों और प्रतीकात्मकता की भूलभुलैया से गुज़रते हुवे रूपक और रूपक की परतों को हटाकर उन अंतर्निहित सत्यों को उजागर करने का प्रयास करें जो सहस्राब्दियों से कायम हैं। हमारे साथ जुड़ें क्योंकि हम इन पवित्र ग्रंथों के पन्नों में मौजूद देवताओं, राक्षसों और नायकों के जटिल जाल को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं, जो मानव अस्तित्व का मार्गदर्शन करने वाले शाश्वत सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हैं। हिंदू धर्म में पुराणों का म...
भीष्म निषेध भोजन नमस्कार दोस्तों आज हम आप सभी के समक्ष महाभारत कालीन ऐसे ज्ञान को लेकर आए हैं जिस ज्ञान को जानना आज के समय में अत्यंत आवश्यक हो चुका है क्योंकि आज का प्राणी अपनी नासमझी के कारण प्रत्येक दिन गलतियों पर गलतियां करता चला जाता है और अपने ही कर्मों के कारण दुखी रहता है अर्थात इन दुखों से मुक्ति पाने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि हम सबको अपने वेद, पुराण, शास्त्रों, भगवत गीता और विभिन्न प्रकार के धर्म ग्रंथों का अनुसरण करना चाहिए जैसे रामायण व् महाभारत आदि। यह समस्त धर्म ग्रन्थ हमारे लिए प्रमाण है कि हमें किस प्रकार अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए। हमें किन चीजों को अपने जीवन काल में करना चाहिए और किन चीजों को नहीं करना चाहिए। अगर हम इन समस्त धर्म शास्त्रों को प्रमाण के रूप में समझेंगे तो हमसे कभी भी कोई गलती नहीं होगी और हम पाप करने से बचेंगे और व्यर्थ के दुखों से मुक्त हो सकेंगे। महाभारत में उल्लेख मिलता है कि भीष्म पितामह ने अपने पांडव अर्जुन को अनेकों बार शिक्षाएं दी। उनके लिए कौरव और पांडव सभी प्रिय थे परंतु समस्त कौरवों और पांडवों में उन्हें अर्जुन ...