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Showing posts with the label महादेव भक्त भृंगी की कथा | शिवभक्त भृंगी के अभिमान की कथा | Teen Per Wale Bhringi Ki Katha

सनातन धर्म में कुल कितने पुराण हैं?

सनातन धर्म के अनगिनत पुराणों का अनावरण पुराणों में समाहित गहन रहस्यों को उजागर करने की यात्रा पर निकलते हुए सनातन धर्म के समृद्ध ताने-बाने में आज हम सभी गोता लगाएंगे। प्राचीन ग्रंथों की इस खोज में, हम कालातीत ज्ञान और जटिल आख्यानों को खोजेंगे जो हिंदू पौराणिक कथाओं का सार हैं। पुराण ज्ञान के भंडार के रूप में कार्य करते हैं, जो सृष्टि, नैतिकता और ब्रह्मांड को नियंत्रित करने वाली ब्रह्मांडीय व्यवस्था के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। प्रत्येक पुराण किंवदंतियों, वंशावली और दार्शनिक शिक्षाओं का खजाना है जो लाखों लोगों की आध्यात्मिक मान्यताओं को आकार देना जारी रखते हैं। आइए हम कहानियों और प्रतीकात्मकता की भूलभुलैया से गुज़रते हुवे रूपक और रूपक की परतों को हटाकर उन अंतर्निहित सत्यों को उजागर करने का प्रयास करें जो सहस्राब्दियों से कायम हैं। हमारे साथ जुड़ें क्योंकि हम इन पवित्र ग्रंथों के पन्नों में मौजूद देवताओं, राक्षसों और नायकों के जटिल जाल को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं, जो मानव अस्तित्व का मार्गदर्शन करने वाले शाश्वत सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हैं। हिंदू धर्म में पुराणों का म...

महादेव भक्त भृंगी की कथा | शिवभक्त भृंगी के अभिमान की कथा | Teen Per Wale Bhringi Ki Katha

तीन पैर वाले भृंगी की कथा  देवाधिदेव महादेव के असंख्य गणों मे एक गण हैं भृंगी जो की एक महान शिवभक्त है।  भगवान शिव ने गणों का राजा श्री गणेश को बनाया। इसलिए शिवजी के जितने भी गण हैं वह सब गणेश जी के अधीन रहते हैं। शिव के गणों में नंदी, श्रृंगी, भृंगी, वीरभद्र का वास माना जाता है और इन्हीं शिव भक्तों में भृंगी भी एक विशेष स्थान रखते हैं क्योंकि वह महादेव से अत्यधिक प्रेम करते हैं।  यह सभी गण प्रेत भगवान शिव और माता पार्वती से अत्यधिक प्रेम करते हैं यही कारण है कि जहां जहां भगवान शिव और माता पार्वती जाते हैं वहाँ समस्त शिव गण उनके साथ रहते हैं।  भगवान शिव का संग इन सभी गणों को अत्यधिक प्रिय है। यही कारण है कि शिव परिवार के समीप रहना, उनके साथ रहना ही इन समस्त गण प्रेतों क प्रमुख उद्देश्य है।  भगवान शिव के विभिन्न गणों के संबंध में बहुत सारी पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जिनमें से सबसे अधिक प्रचलित कथा वीरभद्र की है जिनकी उत्पत्ति शिव के बाल से हुई। वीरभद्र की उत्पत्ति का प्रमुख उद्देश्य प्रजापति दक्ष के यज्ञ का विध्वंस करना था क्योंकि प्रजापति दक्ष के कारण माता ...