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Showing posts with the label शरद पूर्णिमा क्यों मनाई जाती हैं? | शरद पूर्णिमा की पौराणिक कथा क्या है?

सनातन धर्म में कुल कितने पुराण हैं?

सनातन धर्म के अनगिनत पुराणों का अनावरण पुराणों में समाहित गहन रहस्यों को उजागर करने की यात्रा पर निकलते हुए सनातन धर्म के समृद्ध ताने-बाने में आज हम सभी गोता लगाएंगे। प्राचीन ग्रंथों की इस खोज में, हम कालातीत ज्ञान और जटिल आख्यानों को खोजेंगे जो हिंदू पौराणिक कथाओं का सार हैं। पुराण ज्ञान के भंडार के रूप में कार्य करते हैं, जो सृष्टि, नैतिकता और ब्रह्मांड को नियंत्रित करने वाली ब्रह्मांडीय व्यवस्था के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। प्रत्येक पुराण किंवदंतियों, वंशावली और दार्शनिक शिक्षाओं का खजाना है जो लाखों लोगों की आध्यात्मिक मान्यताओं को आकार देना जारी रखते हैं। आइए हम कहानियों और प्रतीकात्मकता की भूलभुलैया से गुज़रते हुवे रूपक और रूपक की परतों को हटाकर उन अंतर्निहित सत्यों को उजागर करने का प्रयास करें जो सहस्राब्दियों से कायम हैं। हमारे साथ जुड़ें क्योंकि हम इन पवित्र ग्रंथों के पन्नों में मौजूद देवताओं, राक्षसों और नायकों के जटिल जाल को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं, जो मानव अस्तित्व का मार्गदर्शन करने वाले शाश्वत सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हैं। हिंदू धर्म में पुराणों का म...

शरद पूर्णिमा क्यों मनाई जाती हैं? | शरद पूर्णिमा की पौराणिक कथा क्या है?

Sharad Purnima Mahatma Katha प्रणाम मित्रों, आप सभी का आज शरद पूर्णिमा की अमृत मई रात्रि में स्वागत है। शरद पूर्णिमा का पर्व अपने आप में सनातन धर्म के लिए विशेष महत्व रखता है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव अपनी सोलह कलाओं के साथ विद्यमान रहते है और उनके तेज से अमृत रूपी वर्षा का होती रहती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन ही माता लक्ष्मी का समुद्र से अवतरण हुवा था। अतः शरद पूर्णिमा को माता महा लक्ष्मी की विशेष कृपा को प्राप्त होती है। शरद पूर्णिमा को चंद्र की कांति और चमक देखते ही बनती है। यही कारण है की लोग शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र देव को खीर का भोग लगाते है क्योंकि ऐसी मान्यता है की इस दिन खुले आसमान के नीचे चंद्रमा को खीर का भोग लगाने से चंद्रमा की चांदनी से अमृत वर्षा होती है और उस अमृत वर्षा से खीर भी अमृत मई हो जाती है।  पौराणिक कथाओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन माता महालक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ पपृथ्वी पर भ्रमण करती है और जो भी भक्त इस दिन अपने घर में खूब रोशनी रखता है और रात जाग कर माता का भजन कीर्तन करता है, माता महालक्ष्मी उस पर अपनी कृपा अवश्य करती है ...