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Showing posts from August, 2020

माघ शुक्ल पक्ष जया एकादशी व्रत कथा माहात्म्य सहित

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॥ अथ जया एकादशी माहात्म्य ॥ धर्मराज युधिष्ठिर बोले-हे भगवान! आपने माघ माह की कृष्ण पक्ष की षटतिला एकादशी का अत्यन्त सुन्दर वर्णन किया है। अब कृपा कर माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी की कथा का वर्णन कीजिये। इस एकादशी का नाम, विधि और देवता क्या और कौन सा है? श्रीकृष्ण भगवान बोले-हे राजन! माघ माह की शुक्लपक्ष की एकादशी का नाम जया है। इस एकादशी व्रत से मनुष्य ब्रह्महत्या के पाप से छूट जाते हैं और अन्त में उनको स्वर्ग प्राप्ति होती है। इस व्रत से मनुष्य कुयोनि अर्थात भूत, प्रेत, पिशाच आदि की योनि से छूट जाता है। अतः इस एकादशी के व्रत को विधि पूर्वक करना चाहिये। हे राजन! मैं एक पौराणिक कथा कहता हूँ। जया एकादशी व्रत कथा एक समय की बात है जब देवराज इंद्र स्वर्गलोक में अन्य देवताओं के साथ गायन और नृत्य का आनंद ले रहे थे। उस सभा में गंदर्भो में प्रसिद्ध पुष्पवन्त नाम का गंदर्भ अपनी पुत्री के साथ उपस्थित था।  देवराज इंद्र की सभा में चित्रसेन की पत्नी मलिन अपने पुत्र के साथ जिसका नाम पुष्पवान था और पुष्पवान भी अपने लड़के माल्यवान के साथ उपस्थित थे। उस समय गंधर्भो में सुंदरता से भी सुन्दरतम स्त्री जि

Ram Mandir - Swami Parmanand Giri Ji Maharaj

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Ram Mandir Ayodhya | राम मंदिर अयोध्या  प्रिय मित्रों आज के इस लेख में हम आपको भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या पुरि के श्री राम जन्मभूमि विवाद से जुड़े कुछ ऐसे साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे जिनको देखकर आपको ये विश्वास होगा की परमपूज्य युगपुरुष स्वामी परमांनद जी महाराज (Swami Parmanand Ji Maharaj) का इस ऐतिहासिक आंदोलन में कितना बड़ा योगदान रहा।  सत्य तो ये है की हर भारत वासी और उन लाखो कार सेवको के बलिदान का परिणाम है ये राम मंदिर। (Ram Mandir) .  राम मंदिर की धारणा  राम मंदिर की कामना हम सभी भारत वासियो के ह्रदय में हमेशा से थी फिर चाहे हम किसी भी धर्म और सम्प्रदाय के क्यों न हो। पुरे विश्व में केवल भारत  देश है जहां भगवान् के एक मंदिर को बनने को लेकर इतना लम्बा और इतना बड़ा आंदोलन करना पड़ा और देश के संविधान का विश्वास रखते हुए समस्त कारसेवकों को एक लंबे इंतजार के बाद अब परिणाम देखने को मिल रहा है।  सनातन धर्म ,सभी धर्मो और उनके प्रत्येक ग्रन्थ का सम्मान करता है। सनातन धर्म हमें किसी से इर्षा करना नहीं सिखाता। केवल और केवल प्रेम का आदान और प्रदान ही सभी सनातनियो की विचार डरा सदैव से रही है

Yatra Parmanand Maharaj Ki

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Yatra Parmanand Maharaj Ki | परमानन्द महाराज की यात्रा   सनातन धर्म विश्व के सभी धर्मों में सबसे पुरातन धर्म माना गया है। भारत प्राचीन समय से ही विश्व गुरु के रूप में जाना गया। भारत से आध्यात्म की खोज करने के लिए अनेकों आध्यात्मिक संतो ने भारत की दिव्य भूमि में जन्म लिया। उन्होंने वेदो और शाश्त्रो के असाधारण ज्ञान को सरल भाषा में समस्त प्राणिमात्र तक पहुंचाया और उनका मार्ग प्रशस्त किया।  वेदों का ज्ञान अर्थात वेदांत वचनो को उचित रूप से समस्त प्राणी मात्र के सामने प्रकट करने वाले महान संतों में महामंडलेश्वर युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि जी महाराज आते हैं। महाराज श्री के जीवन के विषय में जितना कहा जाए उतना कम है क्योंकी  जिस प्रकार सूर्य के प्रकाश को कोई एक कमरे में बंद करके नहीं रख सकता ठीक उसी प्रकार किसी भी दिव्य आत्मा के विचारों को कोई भी सीमित करके नहीं रख सकता क्योंकि ये विचार समस्त संसार को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने के लिए होते हैं।  हम आपको स्वामी परमानंद जी महाराज का जीवन परिचय विस्तार में बताएंगे। स्वामी परमानंद गिरि जी महाराज का जन्म भारत के उत्तर प्रदेश राज