सनातन धर्म के अनगिनत पुराणों का अनावरण पुराणों में समाहित गहन रहस्यों को उजागर करने की यात्रा पर निकलते हुए सनातन धर्म के समृद्ध ताने-बाने में आज हम सभी गोता लगाएंगे। प्राचीन ग्रंथों की इस खोज में, हम कालातीत ज्ञान और जटिल आख्यानों को खोजेंगे जो हिंदू पौराणिक कथाओं का सार हैं। पुराण ज्ञान के भंडार के रूप में कार्य करते हैं, जो सृष्टि, नैतिकता और ब्रह्मांड को नियंत्रित करने वाली ब्रह्मांडीय व्यवस्था के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। प्रत्येक पुराण किंवदंतियों, वंशावली और दार्शनिक शिक्षाओं का खजाना है जो लाखों लोगों की आध्यात्मिक मान्यताओं को आकार देना जारी रखते हैं। आइए हम कहानियों और प्रतीकात्मकता की भूलभुलैया से गुज़रते हुवे रूपक और रूपक की परतों को हटाकर उन अंतर्निहित सत्यों को उजागर करने का प्रयास करें जो सहस्राब्दियों से कायम हैं। हमारे साथ जुड़ें क्योंकि हम इन पवित्र ग्रंथों के पन्नों में मौजूद देवताओं, राक्षसों और नायकों के जटिल जाल को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं, जो मानव अस्तित्व का मार्गदर्शन करने वाले शाश्वत सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हैं। हिंदू धर्म में पुराणों का म...
Kedarnath Ne diye Saakshat Darshan प्रिय भक्तों आज हम आप सभी के समक्ष देवों के देव महादेव अर्थात भगवान शिव जिन्हें हम सभी औघड़ दानी भी कहते हैं से संबंधित उनके ज्योतिर्लिंगों में से प्रमुख केदारनाथ ज्योतिर्लिंग से संबंधित एक ऐसी घटना, एक ऐसी कथा को लेकर आए हैं जिसे जाने के पश्चात आप सभी को पूर्णता विश्वास हो जाएगा कि महादेव अपने समस्त ज्योतिर्लिंगों में ज्योति के रूप में विराजमान हैं और अपने भक्तों के इर्द-गिर्द अर्थात उनके समीप ही बने रहते हैं। जैसा कि महादेव का नाम है भोलेनाथ वैसे ही हमारे प्रभु भोले हैं। वे अकारण ही कृपा कर देते हैं। बिना किसी पक्षपात के, बिना किसी भेदभाव के भगवान शिव की कृपा अधम से अधम प्राणी को भी प्राप्त हो जाती है फिर वह चाहे मनुष्य हो या कोई पशु पक्षी या जानवर ही क्यों ना हो शिव की कृपा में कोई भेद नहीं है क्योंकि शिव देवों के देव हैं महादेव हैं। यह कथा बहुत पुरानी है। जब आवागमन के साधन इतनी आसानी से उपलब्ध नहीं होते थे पर भगवान के मंदिरों में तो पौराणिक काल से ही भक्तों का ताता लगा रहता था। ऐसा ही भगवान शिव का एक भक्त केदारनाथ ज्यो...