Skip to main content

Posts

Showing posts with the label अपरा एकादशी व्रत कथा | अपरा एकादशी की दुर्लभ कथा | अचला एकादशी महात्म कथा

सनातन धर्म में कुल कितने पुराण हैं?

सनातन धर्म के अनगिनत पुराणों का अनावरण पुराणों में समाहित गहन रहस्यों को उजागर करने की यात्रा पर निकलते हुए सनातन धर्म के समृद्ध ताने-बाने में आज हम सभी गोता लगाएंगे। प्राचीन ग्रंथों की इस खोज में, हम कालातीत ज्ञान और जटिल आख्यानों को खोजेंगे जो हिंदू पौराणिक कथाओं का सार हैं। पुराण ज्ञान के भंडार के रूप में कार्य करते हैं, जो सृष्टि, नैतिकता और ब्रह्मांड को नियंत्रित करने वाली ब्रह्मांडीय व्यवस्था के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। प्रत्येक पुराण किंवदंतियों, वंशावली और दार्शनिक शिक्षाओं का खजाना है जो लाखों लोगों की आध्यात्मिक मान्यताओं को आकार देना जारी रखते हैं। आइए हम कहानियों और प्रतीकात्मकता की भूलभुलैया से गुज़रते हुवे रूपक और रूपक की परतों को हटाकर उन अंतर्निहित सत्यों को उजागर करने का प्रयास करें जो सहस्राब्दियों से कायम हैं। हमारे साथ जुड़ें क्योंकि हम इन पवित्र ग्रंथों के पन्नों में मौजूद देवताओं, राक्षसों और नायकों के जटिल जाल को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं, जो मानव अस्तित्व का मार्गदर्शन करने वाले शाश्वत सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हैं। हिंदू धर्म में पुराणों का म...

अपरा एकादशी व्रत कथा | अपरा एकादशी की दुर्लभ कथा | अचला एकादशी महात्म कथा

॥ अपरा एकादशी माहात्म्य  ॥ यूं तो संसार में अनेकों अनेक व्रत बतलाए गए हैं परंतु सनातन धर्म के पुराणों में जिस व्रत को सबसे विशिष्ट रूप में माना गया है उसे एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसका परलोक भी सुधर जाता है।  एकादशी का व्रत करना समस्त प्राणी मात्र के लिए एक मात्र एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा वह स्वयं के साथ-साथ अपने कुल का भी उद्धार कर सकता है। अतः हम सभी को यथासंभव एकादशी के व्रत को करना चाहिए क्योंकि एकादशी का व्रत भगवान श्री हरि को अधिक प्रिय है। अपरा एकादशी व्रत कथा श्रीयुधिष्ठिर बोले- हे भगवान! ज्येष्ठ मास की कृष्णपक्ष की एकादशी का नाम तथा माहात्म्य क्या है? सो कृपा कर कहिये। श्रीकृष्ण भगवान बोले कि हे राजन!  ज्येष्ठ  मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम अपरा है। यह पुण्य देने वाली है। जो मनुष्य इस एकादशी का व्रत करते हैं उनकी लोक में प्रसिद्धि होती है। अपरा एकादशी के व्रत के प्रभाव से ब्रह्महत्या, भूत योनि, दूसरे की निन्दा आदि के पाप नष्ट हो जाते हैं। इसके व्रत से पर स्त्री के साथ भोग करने वालों ...