सनातन धर्म के अनगिनत पुराणों का अनावरण पुराणों में समाहित गहन रहस्यों को उजागर करने की यात्रा पर निकलते हुए सनातन धर्म के समृद्ध ताने-बाने में आज हम सभी गोता लगाएंगे। प्राचीन ग्रंथों की इस खोज में, हम कालातीत ज्ञान और जटिल आख्यानों को खोजेंगे जो हिंदू पौराणिक कथाओं का सार हैं। पुराण ज्ञान के भंडार के रूप में कार्य करते हैं, जो सृष्टि, नैतिकता और ब्रह्मांड को नियंत्रित करने वाली ब्रह्मांडीय व्यवस्था के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। प्रत्येक पुराण किंवदंतियों, वंशावली और दार्शनिक शिक्षाओं का खजाना है जो लाखों लोगों की आध्यात्मिक मान्यताओं को आकार देना जारी रखते हैं। आइए हम कहानियों और प्रतीकात्मकता की भूलभुलैया से गुज़रते हुवे रूपक और रूपक की परतों को हटाकर उन अंतर्निहित सत्यों को उजागर करने का प्रयास करें जो सहस्राब्दियों से कायम हैं। हमारे साथ जुड़ें क्योंकि हम इन पवित्र ग्रंथों के पन्नों में मौजूद देवताओं, राक्षसों और नायकों के जटिल जाल को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं, जो मानव अस्तित्व का मार्गदर्शन करने वाले शाश्वत सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हैं। हिंदू धर्म में पुराणों का म...
Navratri Third Day Pujan Mata Chandraghanta प्रिय मित्रों नवरात्रि के तृतीय दिवस में आप सभी का स्वागत है। आप सभी को जानकर हर्ष होगा कि नवरात्रि के तीसरे दिन हम सभी माता चंद्रघंटा की उपासना करते हैं। माता चंद्रघंटा का यह स्वरूप माता आदिशक्ति के ही 9 रूपों में से एक स्वरूप है जिसे हम सभी चंद्रघंटा के रूप में जानते हैं। माता के मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चंद्रमा विराजमान है। इसीलिए माता का नाम चंद्रघंटा पड़ा है। माता का स्वरूप परम शांति और शांति दायक माना जाता है। माता का ध्यान रखते हुए जो भी साधक माता की आराधना करता है और माता को प्रसन्न करने का प्रयास करता है, उसकी भावना से प्रसन्न होकर माता उसके कुल को तार देती है। उसे परम सौभाग्यवान बनाती है। माता चंद्रघंटा के तीन नेत्र और 10 भुजाएं शोभा पाती हैं। माता ने अपनी 10 भुजाओं में अनेक अस्त्र-शस्त्र धारण कर रखे हैं। जैसे त्रिशूल, खड़क, धनुष, बाण, चक्र, गदा इत्यादि। माता का वाहन सिंह है। माता का स्वरूप सदैव युद्ध के लिए तैयार रहने वाला है। माता के मस्तक पर विराजमान घंटे के आकार के आधे चंद्र से जो ध्वनि निकलती है उसके...