सनातन धर्म के अनगिनत पुराणों का अनावरण पुराणों में समाहित गहन रहस्यों को उजागर करने की यात्रा पर निकलते हुए सनातन धर्म के समृद्ध ताने-बाने में आज हम सभी गोता लगाएंगे। प्राचीन ग्रंथों की इस खोज में, हम कालातीत ज्ञान और जटिल आख्यानों को खोजेंगे जो हिंदू पौराणिक कथाओं का सार हैं। पुराण ज्ञान के भंडार के रूप में कार्य करते हैं, जो सृष्टि, नैतिकता और ब्रह्मांड को नियंत्रित करने वाली ब्रह्मांडीय व्यवस्था के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। प्रत्येक पुराण किंवदंतियों, वंशावली और दार्शनिक शिक्षाओं का खजाना है जो लाखों लोगों की आध्यात्मिक मान्यताओं को आकार देना जारी रखते हैं। आइए हम कहानियों और प्रतीकात्मकता की भूलभुलैया से गुज़रते हुवे रूपक और रूपक की परतों को हटाकर उन अंतर्निहित सत्यों को उजागर करने का प्रयास करें जो सहस्राब्दियों से कायम हैं। हमारे साथ जुड़ें क्योंकि हम इन पवित्र ग्रंथों के पन्नों में मौजूद देवताओं, राक्षसों और नायकों के जटिल जाल को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं, जो मानव अस्तित्व का मार्गदर्शन करने वाले शाश्वत सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हैं। हिंदू धर्म में पुराणों का म...
प्रकृति प्रतिक्षण बदल रही है। आने वाला पल अगले ही पल में बीता हुआ पल कहलाता है। यह संसार भी प्रति पल-पल बदल रहा है क्योंकि यह संसार प्रकृति के अधीन है। समस्त सृष्टि इस प्रकृति की गोद से ही उत्पन्न हुई है। इसलिए हम सभी को प्रकृति का सम्मान करना चाहिए और प्रकृति के नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। प्रकृति ने हमें जितने भी प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध कराएं हैं हमें उन प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग कभी नहीं करना चाहिए अर्थात प्रकृति से हमें केवल उतना ही लेना चाहिए जितना हमारी आवश्यकता के अनुसार हो। पेड़ों की लकड़ियों के अलावा प्रकृति हमें बहुत सारे प्राकृतिक संसाधन प्रदान करती है जिसमें तेल, खनिज, धातु इत्यादि अलग प्रकार की वस्तुएं हैं। यह प्रकृति ही है जो हमें सांस लेने के लिए शुद्ध वायु प्रदान करती है पर क्या प्रकृति द्वारा प्राप्त समस्त संसाधनों का हमने सदुपयोग किया ? ये एक ऐसा प्रश्न है जिसका उत्तर हम सबके पास है पर हममे से कोई भी इस प्रश्न का उत्तर देना नहीं चाहता। आज के भौतिक समाज की सत्यता केवल इतनी है की हमे जिससे जो चाहिए बस वो हमें प्...